7 houses of D.I.P Diet by Dr. BRC
अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, दवाइयों से छुटकारा पाना चाहते हैं और अपने शरीर को प्राकृतिक तरीके से ठीक करना चाहते हैं, तो D.I.P Diet आपके लिए है।
D.I.P Diet का मतलब है – Disciplined & Intelligent People Diet, जिसे डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी (Dr. BRC) ने लोगों की हेल्थ को प्राकृतिक तरीके से सुधारने के लिए बनाया है।
इस डाइट की कई किस्में हैं, जो अलग-अलग हेल्थ कंडीशन के हिसाब से अपनाई जाती हैं। आइए, इन्हें विस्तार से समझते हैं।
1️⃣ Standard D.I.P Diet or ( DIP Diet)
यह सबसे ज़्यादा अपनाई जाने वाली और बेसिक D.I.P Diet है।
इसमें तीन मुख्य नियम हैं:
सुबह 12 बजे तक – सिर्फ़ फल
- सुबह के समय 8 से 12 बजे तक केवल ताजे फल खाने चाहिए।
- क्या खाना है? 3–4 तरह के फल जैसे केला, पपीता, सेब, अंगूर आदि।
- कितनी मात्रा? आपके वजन (किलो) × 10 = इतने ग्राम फल।
- उदाहरण: 70 किलो वजन → 700 ग्राम फल। (इससे ज्यादा खा सकते हैं इससे कम नहीं।)
दोपहर और रात का खाना – दो प्लेट नियम (2 Plates Rule)
- प्लेट 1 (Raw Food): खाने से पहले कच्ची सब्जियाँ (गाजर, खीरा, टमाटर, मूली आदि)।
- मात्रा: आपका वजन (किलो) × 5 = ग्राम सब्जियाँ।
- उदाहरण: 70 किलो → 350 ग्राम कच्ची सब्जियाँ।
- मात्रा: आपका वजन (किलो) × 5 = ग्राम सब्जियाँ।
- प्लेट 2 (Cooked Food): घर का बना शाकाहारी, कम तेल-मसाले वाला खाना।
- पहले प्लेट 1 खाएँ, फिर प्लेट 2 लें।
DIP Diet को कैलकुलेट करने के लिए आप इस DIP Diet कैलकुलेटर का प्रयोग कर सकते हैं।
किन चीजों से बचना है?
- दूध और दूध से बने पदार्थ
- तला-भुना, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड
- नमक और अधिक मसाले
- मीट, अंडा, मछली नहीं खाना है।
- दवाइयाँ (ज़रूरत पड़ने पर ही)
फायदे:
- डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा कंट्रोल
- पाचन तंत्र मज़बूत
- त्वचा में निखार, एनर्जी में बढ़ोतरी
- इम्यूनिटी में सुधार
2️⃣ Circadian D.I.P Diet by Dr. BRC
कब अपनाएँ?
- कैंसर, CKD (क्रॉनिक किडनी डिज़ीज), लिवर डिज़ीज जैसी गंभीर बीमारियों में।
नियम:
- दिन के खाने में Standard DIP Diet के नियम अपनाएँ।
- रात के खाने में प्लेट 2 (Cooked Food) नहीं लेना है।
- यह शरीर की बॉडी क्लॉक (Circadian Rhythm) को सपोर्ट करता है।
3️⃣ Raw D.I.P Diet
कब अपनाएँ?
- इंफेक्शियस डिज़ीज (संक्रामक रोग) में।
नियम:
- Standard DIP Diet अपनाएँ लेकिन प्लेट 2 को हटा दें।
- केवल फल और कच्ची सब्जियाँ खाएँ।
- यह शरीर को तेज़ी से डिटॉक्स करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
4️⃣ Soft D.I.P Diet
कब अपनाएँ?
- मुँह के छाले, ओरल कैंसर जैसी स्थितियों में।
नियम:
- सुबह फलों का नाश्ता।
- प्लेट 1 (कच्ची सब्जियाँ) को स्मूदी में बदलें।
- प्लेट 2 को हटा दें।
- इससे चबाने की परेशानी वाले लोग आसानी से डाइट ले पाते हैं।
5️⃣ Steamed D.I.P Diet
कब अपनाएँ?
- गैस, GERD, जोड़ों के दर्द में।
नियम:
- Standard DIP Diet अपनाएँ, लेकिन प्लेट 1 की सब्जियों को हल्का स्टीम कर लें।
- इससे पाचन आसान हो जाता है और गैस की समस्या कम होती है।
6️⃣ Nitric Oxide D.I.P Diet
कब अपनाएँ?
- डायबिटीज टाइप 1, फेफड़ों के रोग में।
नियम:
- Standard DIP Diet अपनाएँ।
- हर भोजन से पहले 30 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी, सरसों आदि) खाएँ।
- इससे शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड लेवल बढ़ता है, जो ब्लड सर्कुलेशन और सेल रिपेयर के लिए ज़रूरी है।
7️⃣ Zero Grain D.I.P Diet by Dr. BRC
कब अपनाएँ?
- Autoimmune Disease में।
नियम:
- Standard DIP Diet से सभी अनाज हटा दें।
- रोटी बनाने के लिए Zero Grain Atta का इस्तेमाल करें (जिसमें बाजरा, कूटू, सिंघाड़ा आदि हो)।
- इससे ग्लूटेन एलर्जी और इन्फ्लेमेशन कम होती है।
7 types of DIP Diet Video!
7 types of DIP Diet by Dr. BRC
जरूरी टिप्स (सभी D.I.P Diet के लिए लागू)
- रोज़ कम से कम 40 मिनट धूप लें।
- खाने के तुरंत बाद पानी न पिएँ, 30 मिनट का गैप रखें।
- रात का खाना 6 से 7 बजे तक कर लें।
- शुरुआत धीरे-धीरे करें, ताकि शरीर को बदलाव अपनाने का समय मिले।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – D.I.P Diet Q&A
1. D.I.P Diet क्या है?
D.I.P Diet का मतलब Disciplined & Intelligent People Diet है । यह एक प्राकृतिक आहार पद्धति है जिसमें फल, कच्ची सब्जियाँ और सादा पका हुआ शाकाहारी भोजन शामिल होता है। इसका उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना और बिना दवाइयों के बीमारियों से छुटकारा दिलाना है।
2. क्या D.I.P Diet से वाकई में बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं?
हाँ, कई लोग डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा, और अन्य लाइफस्टाइल डिजीज से राहत पा चुके हैं। हालांकि, गंभीर बीमारी के मामले में आप Dr. BRC या उनके D.I.P Diet एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले!
3. Standard D.I.P Diet और Raw D.I.P Diet में क्या फर्क है?
- Standard D.I.P Diet में फल + कच्ची सब्जियाँ + पका हुआ खाना (2 प्लेट नियम) होता है।
- Raw D.I.P Diet में केवल फल और कच्ची सब्जियाँ खाई जाती हैं, कोई पका हुआ खाना नहीं।
4. Zero Grain D.I.P Diet में क्या-क्या नहीं खा सकते?
Zero Grain D.I.P Diet में सभी अनाज (गेहूँ, चावल, जौ आदि) बंद होते हैं। इसके बजाय बाजरा, कूटू, सिंघाड़ा जैसे ग्लूटेन-फ्री विकल्प लिए जाते हैं।
5. Nitric Oxide D.I.P Diet क्यों अपनाई जाती है?
यह डायबिटीज टाइप 1 और फेफड़ों के रोग में मददगार है। इसमें हर भोजन से पहले 30 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाई जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन और सेल रिपेयर में सुधार होता है।
6. Circadian D.I.P Diet किसके लिए है?
यह कैंसर, किडनी और लिवर की गंभीर बीमारियों वाले मरीजों के लिए खास है। इसमें रात के खाने में प्लेट 2 (Cooked Food) हटा दिया जाता है ताकि पाचन पर कम भार पड़े।
7. क्या D.I.P Diet हर किसी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है या आप पहली बार इसे अपना रहे हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें और ज़रूरत पड़ने परआप Dr. BRC या उनके D.I.P Diet एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले।
8. क्या D.I.P Diet महंगी है?
नहीं, इसमें केवल मौसमी फल, सब्जियाँ और घर का सादा खाना शामिल है, इसलिए यह बहुत किफायती है।
📝 निष्कर्ष:
D.I.P Diet कोई फैड डाइट नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक जीवनशैली है। डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी के अनुसार, यह शरीर को सेल स्तर पर ठीक करने का तरीका है।
आपकी बीमारी और ज़रूरत के हिसाब से, ऊपर बताए गए 7 प्रकार में से सही डाइट चुनकर जीवन बदल सकता है। और इस डाइट से कोई भी बीमारी आसानी से रिवर्स की जा सकती है।
Thank you for Reading! 💖



